रायबरेली में लखनऊ प्रयागराज हाईवे पर छजलापुर के पास सड़क पर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ी मिलीं। मौत बनकर सड़क पर दौड़ी कार ने दारुल उलूम नदवातुल उलमा के महासचिव और इस्लामिक स्कॉलर मौलाना सैयद मोहम्मद जाफर मसूद हसनी नदवी की बाइक को टक्कर मार दी। इसमें मौलाना का निधन हो गया तो उनके साथी अब्दुल कादिर गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें जिला अस्पताल से लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।
लेकर घटनास्थल के आसपास लोगों का कहना है कि कार पर बैठा शख्स नशे में था और उसने दो बार बाइक को सीधी टक्कर मारी थी। कार दो बार घूमकर आई और बाइक को टक्कर मार कर चली गई। जब कुछ युवकों ने कार को रोकने का प्रयास किया तो कार सवार ने गेट खोलकर उनको भी चपेट में लेने प्रयास किया। इस पर एक पत्थर कार पर फेंका गया जिससे उसका शीशा चकनाचूर हो गया। हादसे को अन्जाम देने के बाद कार सिविल लाइंस की तरफ बढ़ी तो प्रयागराज जा रहे भाजपा के प्रदेश मंत्री अभिजात मिश्र ने कार का पीछा और कार को रोकने का प्रयास किया तो उनको भी कार सवार ने टक्कर मार दी। हालांकि वह मामूली रूप से घायल हुए। इसके बाद कार सवार कार छोड़कर फरार हो गया।
लोगों का कहना है कि कार चालक को पुलिस पकड़ना चाहती तो पकड़ सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया। कार मिल एरिया थाने में खड़ी है। पुलिस का कहना है कि अभी तहरीर नहीं मिली है। लोगों में चर्चा है कि जानबूझ कर कार सवार ने मौलाना की बाइक को दो बार टक्कर मारी जबकि वह सड़क पर बाइक रोककर मफलर ठीक कर रहे थे। जिस जगह पर हादसा हुआ वहां के दुकानदार खुलकर नहीं बोले लेकिन चर्चा होती रही कि जिस तरह से मौलाना की बाइक को निशाना बनाया गया उससे साजिश की भी संभावना जताई जा रही है। सवाल यह है कि मौलाना से किसी से क्या रंजिश हो सकती है। इस पूरे मामले में पुलिस खामोश है। ऐसे सवाल उस पर भी उठे हैं कि इतने बड़े मामले में चुप्पी क्यों साधी गई है।