अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के 71 साल के इतिहास में 21 अध्यक्ष बने। मगर इनमें एक भी महिला नहीं है। वर्ष 1948 में संस्कृत विभाग के जिम्मे हिंदी की पढ़ाई थी। पहले विभाग का नाम संस्कृत-हिंदी विभाग था।वर्ष 1964 में हिंदी विभाग स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया।हिंदी विभाग के पहले अध्यक्ष प्रो. हरबंश लाल शर्मा थे, जिनका कार्यकाल वर्ष 1953 से 1974 तक रहा। इनके बाद प्रो. गोवर्धन नाथ, प्रो. शिवशंकर शर्मा राकेश, प्रो. प्रेम स्वरूप गुप्त, प्रो. गिरिधारी लाल शास्त्री, प्रो. नजीर मोहम्मद, प्रो. विश्वनाथ शुक्ल,प्रो. रवींद्र भ्रमर, प्रो. कुंवर पाल सिंह अध्यक्ष बने। फिर प्रो. शैलेश जैदी, प्रो. शिवकुमार शांडिल्य, प्रो. कृष्णमुरारि मिश्र, प्रो. अजब सिंह, प्रो. उदयशंकर श्रीवास्तव, प्रो. प्रदीप कुमार सक्सेना, प्रो. एम. एहतिशाम जुबैरी, प्रो. रमेश चंद्र शर्मा, प्रो. आरिफ नजीर, प्रो. अब्दुल अलीम, प्रो. रमेश चंद के हाथों विभाग की कमान रही। वर्तमान में प्रो. आशिक अली विभाग की बागडोर संभाल रहे हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. आशिक अली ने बताया कि वर्ष 2025 में प्रो. तस्नीम सुहैल विभागाध्यक्ष बनेंगी।
2025 में टूटेगा रिकॉर्ड
71 साल से हिंदी विभाग के अध्यक्ष पुरुष प्रोफेसर बन रहे हैं, जिसका रिकॉर्ड अप्रैल 2025 में टूटेगा। पहली महिला विभागाध्यक्ष होने का रिकॉर्ड प्रो. तस्नीम सुहैल बनाएंगी।
हिंदी विभाग में पाठ्यक्रम
हिंदी विभाग ने वर्ष 2012 में एमए हिंदी अनुवाद भी शुरू किया है। स्नातक, पीएचडी हिंदी, पीएचडी हिंदी अनुवाद, एमए हिंदी, एमए हिंदी अनुवाद, पीजीडीटी (हिंदी अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा), हिंदी में बीए (ऑनर्स)।