मुजफ्फरनगर में भ्रष्टाचार और भूमाफियाओं के विरुद्ध 29 वर्षों से धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह ने प्रयाग मास्टर विजय सिंह ने कहा कि प्रयाग महाकुंभ में संविधान गैलरी की स्थापना एक सराहनीय पहल है। धर्म के साथ-साथ राष्ट्र धर्म और संविधान की चर्चा भी हो रही है, जो अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आयोजकों को साधुवाद देते हुए सुझाव दिया कि कक्षा 9 से स्नातक तक के पाठ्यक्रम में संविधान, आईपीसी और सीआरपीसी का संक्षिप्त वर्णन अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को यह जानकारी मिलेगी कि देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या न्यायाधीश कैसे बनते हैं और उनके अधिकार क्या हैं।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि देश की 80% जनता को संविधान और कानून की बुनियादी जानकारी नहीं होती, जिससे कई बार उन्हें गंभीर नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे लोग अपने घरों में धार्मिक ग्रंथ रखते हैं, वैसे ही संविधान, आईपीसी और सीआरपीसी की पुस्तकें भी रखनी चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका सही उपयोग किया जा सके। में “संविधान गैलरी” के पंडाल में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संविधान पर विस्तृत चर्चा करना था। संविधान गैलरी में 26 जनवरी 1950 से अब तक भारत गणराज्य की प्रमुख घटनाओं और शासनकर्ताओं के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं, साथ ही छोटी-छोटी वीडियो के माध्यम से उनकी प्रस्तुति दी जा रही है। दिनभर में कई बार छोटी सभाओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें आमंत्रित वक्ता संविधान के अनुच्छेदों और धाराओं पर प्रकाश डालते हैं।
मास्टर विजय सिंह ने कहा कि प्रयाग महाकुंभ में संविधान गैलरी की स्थापना एक सराहनीय पहल है। धर्म के साथ-साथ राष्ट्र धर्म और संविधान की चर्चा भी हो रही है, जो अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आयोजकों को साधुवाद देते हुए सुझाव दिया कि कक्षा 9 से स्नातक तक के पाठ्यक्रम में संविधान, आईपीसी और सीआरपीसी का संक्षिप्त वर्णन अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को यह जानकारी मिलेगी कि देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या न्यायाधीश कैसे बनते हैं और उनके अधिकार क्या हैं।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि देश की 80% जनता को संविधान और कानून की बुनियादी जानकारी नहीं होती, जिससे कई बार उन्हें गंभीर नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जैसे लोग अपने घरों में धार्मिक ग्रंथ रखते हैं, वैसे ही संविधान, आईपीसी और सीआरपीसी की पुस्तकें भी रखनी चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका सही उपयोग किया जा सके।