चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में शनिवार को तेजाब कांड में आरोपी सजायफ्ता कैदी की हत्या कर दी गई। यह कैदी हाल ही में जमानत रद होने के बाद जेल में दाखिल हुआ था। शव को मोर्चरी भिजवाया गया, जहां परिजनों ने हंगामा करते हुए जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया गया।डीजी जेल एसएन साबत ने प्रथम दृष्टिया चार कर्मचारियों को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है। मामले की जांच डीआईजी जेल सुभाष चंद्र शाक्य को सौंपी गई है।
परतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम गगोल निवासी 30 वर्षीय रोहित पुत्र रिछपाल 9 अप्रैल को जिला कारागार में दाखिल हुआ। रोहित और उसके साथी, शिक्षिका पर तेजाब फेंकने के मामले में आरोपी थे और उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, रोहित हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद कुछ समय तक जेल से छूट गया था। पीड़िता ने इस मामले में जमानत के खिलाफ कोर्ट में याचिका दी, जिसके बाद आरोपी रोहित को दोबारा जेल भेजा गया था।
रोहित को 9 अप्रैल को जेल भेजा था। उसे तन्हा बैरक में रखा गया। बैरक में पहले से एक कैदी मौजूद था। शनिवार सुबह रोहित सोकर नहीं उठा तो ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने अफसरों को सूचना दी। रोहित को कारागार अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रोहित की मौत से हड़कंप मच गया। फिर शव को मोर्चरी भेजा गया।
परिजनों ने जिला कारागार से लेकर मोर्चरी तक हंगामा कर दिया और जेल में हत्या का आरोप लगाया। मामला डीजी ऑफिस तक पहुंच गया। देर शाम डीजी जेल एसएन साबत ने प्रथम दृष्टिया दो जेल वार्डर संजय सिंह व सनोज और दो हेड वार्डर हरी शंकर त्रिपाठी व रविंद्र सिंह को निलंबित कर जांच डीआईजी जेल सुभाष चंद शाक्य को सौंप दी। कैदी की मौत के मामले में फिलहाल जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में कई अधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना है।
जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि जिला कारागार में हुई कैदी की मौत के मामले में मेडिकल थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। प्रथम दृष्टया दो जेल वार्डर और दो हेड वार्डर को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है
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