अलीगढ़। सांसद सतीश गौतम को तीसरी बार भाजपा ने ऐसे ही प्रत्याशी नहीं बना दिया। पार्टी ने अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र में सांसद व अन्य दावेदारों को लेकर आंतरिक रूप से चार सर्वे कराए
हर सर्वे में सांसद नंबर एक आए। पहली सूची में सतीश गौतम का नाम शामिल न कर पार्टी ने एक तरह से धैर्य की परीक्षा लेने का भी काम किया।
शीर्ष नेतृत्व से नजदीकी ने भी सांसद की तीसरी बार चुनाव लड़ने की राह को आसान किया और अपनी छवि से सतीश गौतम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद बन गए। भाजपा ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। इतनी सीटों को केवल नारा देकर ही पाया नहीं जा सकता। इसके लिए प्रत्याशियों को जिताना भी है। यह तभी संभव है, जब मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे।
प्रत्याशी बनाने से पहले भाजपा ने ऐसा किया भी। सभी दावेदारों की सर्वे रिपोर्ट तैयार कराई। इसमें सांसद सतीश गौतम ने बाजी मारी। इसमें सतीश गौतम के कार्यालय के कामकाज की अहम भूमिका बताई जा रही है। सांसद यहां लोगों की सुनवाई तो करते ही हैं, सभी का रिकार्ड भी रखते हैं। शहर से गांव तक जन्म लेने वाले बच्चों के स्जवन को बधाई संदेश भेजते हैं। इससे उनकी पकड़ लोगों के बीच सीधी बनी हुई है।
सांसद की टिकट कटवाने के लिए विरोधी खेमा जहां भी गया हो। लेकिन सांसद ने साफ कह दिया कि संगठन का जो फैसला होगा, वही स्वीकार होगा
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल से सांसद के संबंध अच्छे बताए गए हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह ने बताया कि पार्टी ने सर्वे कराकर दावेदारों के बारे में जाना था। कार्यकर्ता को टिकट दिया है। सभी खुश हैं। सांसद सोमवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली से अलीगढ़ आएंगे। सांसद कार्यालय पर स्वागत किया जाएगा।
पहले धूल वाले दिन घोषित हुई थी टिकट
भाजपा ने 2019 के चुनाव में सांसद सतीश गौतम को होली पर धूल वाले दिन दूसरी बार प्रत्याशी बनाया था। इस बार भी होली पर उन्हें तीसरी बार प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है।