प्रयागराज.2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए योगी सरकार ने इसे “ग्रीन” और “पॉलीथीन मुक्त” बनाने की बड़ी योजना बनाई है। प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस महाकुंभ को पर्यावरण के प्रति जागरूक और स्वच्छ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने महाकुंभ के दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और इसके स्थान पर पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों जैसे दोना पत्तल और कुल्हड़ के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इन वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष सप्लाई चेन भी तैयार की जा रही है।
महाकुंभ क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के लिए तीन लाख पौधे लगाए जाएंगे, और इन पौधों की सुरक्षा और देखभाल के लिए विशेष प्रबंधन तंत्र तैयार किया गया है। इसके साथ ही, महाकुंभ को ग्रीन बनाने की दिशा में प्रयत्न करते हुए पहली बार महाकुंभ में सोलर लाइट्स का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा। 67000 स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी, जो कि 2019 के कुंभ में उपयोग की गई 45000 स्ट्रीट लाइट्स से अधिक हैं।
महाकुंभ के आयोजन के लिए स्थायी और अस्थायी मिलाकर कुल 480 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिनका लक्ष्य 31 अक्टूबर 2024 तक पूरा करना है। अब तक 327 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लागत 5154 करोड़ रुपये है, जबकि 75 अन्य विभागीय परियोजनाओं पर भी काम हो रहा है। इन सभी परियोजनाओं को उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और लैब टेस्टिंग के माध्यम से मॉनिटर किया जा रहा है।
महाकुंभ का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर कर दिया गया है, जिसमें कुल 25 सेक्टर बनाए जाएंगे। वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 1900 हेक्टेयर भूमि में छह पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं, जिसमें 5 लाख से ज्यादा वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी। स्नान घाटों को 8 किमी से बढ़ाकर 12 किमी किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। इसके साथ ही 1 लाख 45 हजार टॉयलेट्स बनाए जा रहे हैं ताकि साफ-सफाई और स्वच्छता को सुनिश्चित किया जा सके।
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जाएगी। पुलिसकर्मियों को विशेष स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे ट्रैफिक मैनेजमेंट और भीड़ नियंत्रण में दक्ष हो सकें। पुलिस के साथ-साथ पीएसी, आरएएफ, यूपी एटीएस, और एसटीएफ जैसी सुरक्षा एजेंसियों को भी महाकुंभ के दौरान तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी।
महाकुंभ को सुगमता से आयोजित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। भीड़ नियंत्रण और वाहनों की पार्किंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित हो सके।
रेल, सड़क, और हवाई यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है। एयरपोर्ट से महाकुंभ मेला स्थल तक जाने वाली सड़क को विश्व स्तरीय स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके दोनों ओर ग्रीन बेल्ट और कुंभ कलश बनाए जाएंगे। इसके अलावा, सड़क किनारे आकर्षक पेंटिंग भी की जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को एक अच्छा अनुभव मिले। प्रयागराज के अंतर्गत आने वाले नौ रेलवे स्टेशनों पर भी बुनियादी सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है।
महाकुंभ में पहली बार 15 किमी लंबा गंगा रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए मोटरबोट, चेंजिंग रूम, पूजा स्थल, और फ्लोटिंग जेटी जैसी सुविधाएं होंगी। यमुना नदी के वीआईपी घाट और दशाश्वमेध घाट पर स्थायी घाटों का निर्माण किया जा रहा है।
13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाला यह महाकुंभ, सनातन धर्म की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को विश्वभर में प्रदर्शित करेगा। 45 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में तीन शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति पर, दूसरा 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर, और तीसरा 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर होगा। इस महाकुंभ में राज्य और केंद्र सरकार के कुल 15 विभाग और 100 हजार से अधिक संस्थाएं शामिल होंगी, जो इस आयोजन को सफल बनाने में जुटी हैं।