चिन्मय कृष्ण दास प्रभु, जो पुंडरीक धाम (इस्कॉन) के प्रमुख हैं, एक बांग्लादेशी हिंदू धर्मगुरु और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। हाल ही में उनकी गिरफ्तारी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के समर्थन में उनके मुखर विरोध प्रदर्शनों के कारण चर्चा में रही। उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और हमलों के खिलाफ आवाज उठाई थी।चिन्मय कृष्ण दास ने हिंदू समुदाय से एकजुट होने और अपनी धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करने का आह्वान किया था। उनकी गिरफ्तारी पर बांग्लादेश सरकार ने उन पर “देश की संप्रभुता को खतरे में डालने” का आरोप लगाया। उनके समर्थकों और विभिन्न अधिकार संगठनों का मानना है कि यह कार्रवाई अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने के उद्देश्य से की गई है।भारत ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा है
