अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पक्की हो गई है. अमेरिका में हो रहे इस बदलाव का असर ईरान पर बहुत बुरे तरीके से पड़ता दिख रहा है. ईरान की करेंसी अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि ईरान के लिए ट्रंप के वापसी को अच्छा नहीं देखा जा रहा है.डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी ईरान पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं और वह इजराइल के कट्टर समर्थक हैं. ऐसे में उनके कुर्सी संभालने से पहले ही ईरान के बुरे दिन शुरू हो गए हैं. ईरान की मुद्रा रियाल बुधवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ईरानी रियाल 703,000 रियाल पर कारोबार कर रही है.
ट्रंप ने तोड़ा था परमाणु समझौता
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद ईरान के खिलाफ कई कदम उठाए थे. ईरान ने 2015 में विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौता किया था. ट्रंप ने 2018 में उस परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकालाऔरईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे और उसकी आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया.2015 में ईरानी रियाल एक डॉलर के मुकाबले 32,000 रियाल थी. हाल ही में आए नतीजों के बाद ये अपने सबसे निचले स्तर 703,000 रियाल पर पहुंच गई है.इस समय अमेरिका के सबसे खास सहयोगी इजराइल गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह से लड़ रहा है. जहां अमेरिका सैन्य और आर्थिक तौर पर इजराइल की मदद कर रहा हैं, वहीं क्षेत्र की मिलिशिया को ईरान का समर्थन प्राप्त है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान जंग रुकवाने का वादा किया है, लेकिन जानकार मान रहे हैं कि ट्रंप की वापसी के बाद इजराइल और बेलगाम हो सकता है. जिससे मध्य पूर्व में तबाही मच सकती है.