नई दिल्ली: बांग्लादेश के लिए आने वाले दिनों में और भी बड़ी-बड़ी समस्याएं खड़ी होने वाली हैं. यदि हाल यदि रहे तो बांग्लादेश में नई सरकार को भी हालात संभालने में लंबा वक्त लग सकता है. अगर यहि हालात रहे तो बांग्लादेश के घरों में चूल्हा तक जलने में दिक्कत आ सकती है, वहीं घर मकान और पुल तक बनने में भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा. हालांकि एक नजरिए से देखें तो यह न सिर्फ बांग्लादेश के लिए बल्कि खुद भारत के लिए भी चोट होगी.
दरअसल उत्तर प्रदेश से सीमेंट, चावल, एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट, चमड़ा आदि से लेकर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कच्चा माल व अन्य सामान बांग्लादेश को निर्यात किया जाता है. इसमें इंजीनियरिंग में इस्तेमाल होने वाला सामान से लेकर एडहेसिव टेप पॉली फिल्म, सोडा एश की सप्लाई भी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रकों में जाने वाला यह करीब 700 करोड़ का सामान है. जब से वहां तख्तापलट हुआ है तब से ये सारा सामान बॉर्डर पर अटका पड़ा है.
बांग्लादेश के हालातों से उसके पड़ोसी देश भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में चिंता का माहौल है. बांग्लादेश से प्रधानमंत्री शेख हसीना का निर्वासन से लेकर सड़क पर मची हुई हिंसा ने सभी को स्तब्ध और परेशानहाल कर रखा है. हालांकि खबर लिखे जाने तक, बाग्लादेश का पॉजिटिव लेटेस्ट डेवलपमेंट यह है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ले ली है. भारत की ओर से आर्मी के रूप में भी मदद का हाथ बढ़ाया गया है लेकिन हालात नॉर्मल नहीं हो रहे हैं. ऐसे में नई समस्या और खड़ी हो गई है.
भारत के लिए भी कैसे है यह तनाव की बात…
कारोबार दो तरफा होता है. यदि बांग्लादेश हमसे सामान लेता है तो बदले में वह कीमत अदा करता है लेकिन अब यह सब अटक गया है, न सामान उधर जा रहा बॉर्डर पर अटक गया है और न पैसा वहां से आ रहा. भारत की ओर से बांग्लादेश में 6000 से ज्यादा कमोडिटी एक्सपोर्ट होती है. मसाले, कुकिंग ऑयल, सूती और अन्य कपड़े, गेंहू, सब्जियां, चीनी, फल आदि भी शामिल हैं. अब जब यह सामान वहां पहुंच नहीं पा रहा है और बॉर्डर पर अटका है तो भारत को होने वाला करोड़ों का भुगतान भी अटक गया है.