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मुजफ्फरनगर व्यापारियों ने जीएसटी से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक 7 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को प्रेषित किया गया। वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कंसल और नगर अध्यक्ष अजय कुमार सिंघल ने व्यापारियों की समस्याओं को उजागर करते हुए कहा कि व्यापारी बिना किसी वेतन, कमीशन या पेंशन के दिन-रात सरकारी खजाने को भरने का काम कर रहे हैं। देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का वे समर्थन करते हैं, लेकिन टैक्स प्रणाली की जटिलताएं और अधिकारियों का उत्पीड़न व्यापारी वर्ग के सामने बड़ी चुनौतियां बने हुए हैं।
ज्ञापन में व्यापारियों ने रेडीमेड गारमेंट्स पर 5% और 12% की दरों को हटाकर एक समान 5% का स्लैब लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही, जूते-चप्पलों पर जीएसटी दर को भी 5% किए जाने की अपील की गई है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि विक्रेता के डिफॉल्ट होने पर खरीददारों को परेशान न किया जाए, और अगर किसी अन्य राज्य में माल पकड़ा जाता है तो मामले की सुनवाई व्यापारी के होम डिस्ट्रिक्ट में होनी चाहिए। छोटी-मोटी गलतियों पर माल को रोकने के बजाय व्यापार को सुगम बनाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, व्यापारियों ने मांग की है कि उन्हें राज्यसभा, विधान परिषद और अन्य राजनीतिक संस्थानों में प्रतिनिधित्व देने के लिए व्यापारी कोटा बनाया जाए।व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई करेगी।