लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव (Delhi Chunav 2025) में अपना खाता भी नहीं खोल पा रही कांग्रेस जल्द ही दिल्ली में संगठन का पुनर्गठन करेगी। ब्लाक और जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक बदलाव किया जाएगा।वहीं, इस बदलाव में युवाओं व पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को खास तव्वजो मिलेगी। इसके अलावा पार्टी के तमाम निष्क्रिय प्रकोष्ठों को भी फिर से सक्रिय किया जाएगा।
बयानबाजी पर भी लगाई जाएगी रोक
दरअसल, इस विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गंभीरता से मंथन करने के बाद प्रदेश नेतृत्व अब पार्टी हित में कई कठोर निर्णय लेने के पक्ष में है। इस दिशा में अनुशासन का दायरा बढ़ाते हुए पार्टी नेताओं की उस बयानबाजी पर भी रोक लगाई जाएगी, जिससे पार्टी की छवि खराब होती है।
ज्ञात हो कि हाल ही में नई दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित और चांदनी चौक से पार्टी प्रत्याशी मुदित अग्रवाल की बयानबाजी पर पार्टी ने आपत्ति जताई है। इसके अलावा अगले चुनाव के लिए पार्टी बूथ स्तर पर भी अभी से जमीनी मेहनत शुरू करने की रणनीति बना रही है।
कांग्रेस ने बना दिया था त्रिकोणीय मुकाबला
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव के परिणाम में कई सकारात्मक पहलू देख रही है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि इस बार कांग्रेस ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। बहुत सी सीटों पर पार्टी का मत प्रतिशत भी काफी अच्छा रहा है।
पार्टी का यह भी मानना है कि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक और मुस्लिमों का वोट जहां कांग्रेस को मिला था, वहीं इस बार आप के पास केवल इसलिए चला गया क्योंकि कांग्रेस उसको सरकार बनाने का भरोसा नहीं दिला पाई। पार्टी को उम्मीद है कि अगले चुनाव में आप के कमजोर हो जाने पर इस वर्ग का पूरा वोट कांग्रेस के पास आ जाएगा। तब कांग्रेस के खाते में सीटें भी आ जाएंगी।
प्रदेश कांग्रेस को करने होंगे यह सुधार भी
- पार्टी में काजी निजामुद्दीन और दानिश अबरार सरीखे नहीं बल्कि ऐसे प्रभारी-सह प्रभारी चाहिए जो संगठन की मजबूती के लिए भी कुछ काम करें।
- टिकट वितरण में किसी भी सीट पर पूर्व विधायक या उसके परिवार का अधिकार नहीं माना जाना चाहिए। ऐसा होने पर कार्यकर्ता काम ही करना छोड़ देंगे।
- पार्टी नेताओं के संगठन की मजबूती में योगदान और उनकी मेहनत का मूल्यांकन भी होना चाहिए।
- सेवा दल को आरएसएस की तरह पार्टी के लिए काम करने वाली एक मजबूत शाखा बनाया जाना चाहिए।
- शीर्ष पार्टी नेतृत्व को भी प्रदेश इकाइयों की गतिविधियों में हिस्सेदारी करनी चाहिए। उनकी अनदेखी पार्टी के लिए नुकसान करती है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि हमें कई स्तरों पर मेहनत और सुधार करने की जरूरत है। इस बार हमने कमजोर होती पार्टी की नींव को मजबूत किया है। अब इस पर मजबूत इमारत खड़ी की जाएगी। आलाकमान से राय मशविरा कर पार्टी अपनी तमाम खामियों को दूर करते हुए अगले चुनाव में भाजपा से सीधा मुकाबला करेगी और विभिन्न सीटें भी जीतेगी। – देवेंद्र यादव, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस