अल्मोड़ा जिले में जंगल की आग का कहर शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। नगर के नजदीक बख में संचालित शिशु और नारी निकेतन को जंगल की आग ने घेर दिया। इससे यहां रह रहे 17 बच्चों की जान आफत में फंस गई।
किसी तरह बच्चे आग से बचकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। सूचना के बाद फायर सर्विस की टीम ने आग पर काबू पाया और बड़ी घटना होने से बच गई।
नगर के नजदीक बख में शिशु और नारी निकेतन का संचालन होता है। शुक्रवार दोपहर को अचानक जंगल की आग यहां पहुंच गई। संस्थान के भवन के पीछे की तरफ लगी भीषण आग देखकर यहां रह रहे बच्चों सहित अन्य स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। सभी कक्षों से निकलकर सुरक्षित स्थान की तरफ भागे। कुछ ही देर में आग ने इस संस्थान को चारों तरफ से घेर लिया। यहां मौजूद कर्मियों ने घटना की सूचना फायर सर्विस को दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए फायर सर्विस कर्मी दो दमकल वाहनों के साथ मौके पर पहुंचे और आग बुझाने में जुट गए। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका, तब जाकर बच्चों और कर्मियों ने संस्थान के भीतर प्रवेश करने की हिम्मत जुटाई। आसपास रह रहे लोगों ने भी आग बुझने के बाद राहत की सांस ली। यदि फायर सर्विस को पहुंचने में देर होती तो शायद इससे बड़ी घटना हो सकती थी।
आग बुझाने में खर्च हुआ नौ हजार लीटर पानी बख गांव में संचालित शिशु और नारी निकेतन में बच्चे, महिलाएं और कर्मियों सहित 40 से अधिक लोग निवास करते हैं। संस्थान के नजदीक आग पहुंचने पर सभी में दहशत का माहौल रहा। आग इतनी भीषण थी कि फायर सर्विस की टीम को इस पर काबू पाने के लिए नौ हजार लीटर पानी खर्च करना पड़ा।बख स्थित शिशु निकेतन तक जंगल की आग पहुंचने की सूचना के बाद टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने आग पर काबू पाया। यहां रह रहे बच्चे सुरक्षित स्थान पर पहुंचे इससे बड़ी घटना होने से बच गई।
-महेश चंद्र, प्रभारी अग्निशमन अधिकारी, अल्मोड़ा।