उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और जिला प्रशासन ने बेहतर समन्वय दिखाया है। इस बचाव अभियान में केदारनाथ यात्रा मार्ग के भीमबली, रामबाड़ा, और लिंचोली में फंसे करीब 425 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा, पैदल यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे 1100 यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। यह सफल बचाव अभियान सभी संबंधित टीमों के तालमेल और कड़ी मेहनत का परिणाम है।
धामी ने अधिकारियों को किया अलर्ट
पुष्कर सिंह धामी ने हालात की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए. बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री का पूरा दिन आपदा प्रभावित इलाकों में बीता. उन्होंने टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही आपदा प्रभावितों का हाल भी जाना. साथ ही राहत व बचाव शिविरों में कई गई व्यवस्थाओं को परखा.
पूरी टीम फौरन राहत बचाव में जुटी
मुख्यमंत्री धामी मोर्चे पर डटे तो उनकी पूरी टीम भी पूरी ताकत के साथ बचाव और राहत कार्यों में जुट गई. रुद्रप्रयाग जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने देर रात से ही रेस्क्यू अभियान की कमान संभाल ली. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस व प्रशासन के बेहतर समन्वय से शाम पांच बजे तक केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग और विभिन्न पड़ावों में फंसे करीब डेढ़ हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया.
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है.