जहरीली गैस से मरने वाले लोगों के परिवार की एकजुट होकर आवाज़ उठाए सर्वसमाज : आरुषि सुधा
मुज़फ्फरनगर। 4 दिन पूर्व नगर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर इलाके में कूड़ा फैक्ट्री के पास एटूजेड रोड़ पर सीवर लाइन की सफाई करने उतरे 2 मज़दूरों की ज़हरीली गैस के कारण दम घुटने से मृत्यु हो गई थी। दोनों म्रतक खालापार निवासी थे। इस मामले ने पूरे इलाके को झकझोर दिया था। मामले की जानकारी जैसे ही राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा की प्रदेश सचिव व ज़िला निगरानी समिति की सदस्य आरुषि सुधा व डिस्ट्रिक्ट कॉओर्डिनेटर मैनुवल स्कैवेंजर्स सन्नी सिलेलान व एसके आंदोलन के हैड कृष्ण गोपाल को लगी तो वह अपनी टीम के साथ स्थानीय सभासद शहज़ाद अहमद व नौशाद कुरैशी के सहयोग से पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे। टीम ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की तो पीड़ित परिवारों ने बताया कि हमारे परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद से अब तक कोई भी हमें सांत्वना देने नहीं आया। जिला निगरानी समिति मुजफ्फरनगर की सदस्य आरुषि सुधा ने पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा कि जब हम लोग मैन्युअल स्कैवेंजर्स के हित की बात करते हैं या उन्हें अलग से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते हैं तो प्रशासन यह कहकर हाथ खड़े कर देता है कि आज के समय में कोई मैन्युअल स्कैवेंजर नहीं रहा। पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है यदि पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है तो इस प्रकार की घटनाएं दिन प्रतिदिन सामने किस प्रकार आती हैं? इन सब के पीछे कौन है कौन इन गरीब मजदूरों को विवश करता है? विनीत मेहरा ने कहा कि चंद रुपयो के लिए गटर में बिना किसी सहायता के बिना किसी सेफ्टी इक्विपमेंट के उतारने के लिए कौन गरीब मज़दूरों को मजबूर करता है? इसका जवाब शासन व प्रशासन दोनों के पास नहीं है। इतना ही नहीं मात्र 10 लाख रुपए मुआवजा दे देने से किसी के बच्चों को पिता का साया नहीं मिल जाएगा। और ना ही 22 साल की उस विधवा को उसका पति वापस मिलेगा। नई दिल्ली से आये एसके आंदोलन के हैड कृष्ण गोपाल ने कहा कि यह बहुत ही हृदय विदारक घटना है। इस प्रकार की घटनाएं दोबारा ना हो इसके लिए अथक प्रयास किए जाने आवश्यक है तथा लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। कुछ रुपयो के लिए किसी अधिकारी के कहे में आकर गटर में उतरने से पहले अपने परिवार के विषय में जरूर सोचना चाहिए। सन्नी सिलेलान ने कहा कि प्रशासन का किसी के मृत्यु से कोई लेना-देना नहीं है। प्रशासन का कोई भी व्यक्ति आज तक उन गरीब लोगों के घर नहीं पहुंचा ना ही उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद मुहैया कराई जा रही है। यह एक गंभीर विषय है। अंत में टीम द्वारा पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कराने की बात कही। साथ ही मृतक हाजी शमीम व वासित के परिजनों के साथ दुःख की घड़ी में सांत्वना भी दी गई।