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मुज़फ़्फ़रनगर की क्रांतिकारी शालू सैनी समाज सेवा का एक अनोखा उदाहरण बन चुकी हैं। वे लावारिस मृतकों का निशुल्क अंतिम संस्कार करती हैं, उन्हें अपना नाम देकर विधि-विधान से विदा करती हैं। उनकी इस निस्वार्थ सेवा ने उन्हें उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में पहचान दिलाई है। शालू सैनी का कहना है कि भगवान शिव ने उन्हें इस सेवा के लिए चुना है और वे उसी साहस और हिम्मत से इसे निभा रही हैं।अब उन्हें हर रोज़ अंतिम संस्कार के लिए कॉल आते हैं, जिसमें लावारिस शवों के साथ वे परिवार भी होते हैं जिनके पास अंतिम संस्कार कराने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं होते। शालू का कहना है कि उनका फोन नंबर अब वायरल हो चुका है और इस सेवा में उन्हें हर रोज़ कई शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ता है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे उनकी इस सेवा में सहयोग करें।