‘पिक एंड चूज़ नहीं कर सकते..निष्पक्ष होना चाहिए’, के. कविता को जमानत देते हुए SC ने ईडी-सीबीआई को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में बीआरएस नेता के. कविता को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. वहीं, शीर्ष अदालत ने मामले में की जा रही जांच के नेचर को लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जमकर फटकार लगाई है. उसने कई सवाल खड़े किए हैं और साथ ही साथ चेतावनी भी दी है. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब तेलंगाना के पूर्व सीएम के.चंद्रशेखर की बेटी के. कविता आज शाम जेल से बाहर आ सकती हैं. उन्हें 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ईडी और सीबीआई से पूछा कि उनके पास यह साबित करने के लिए क्या मेटेरियल है कि के कविता कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में शामिल थीं. कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसियों की खिंचाई करते हुए कहा कि वह किसी भी आरोपी के मामले में पिक एंड चूज नहीं कर सकती हैं. क्या यह निष्पक्षता है, ऐसा कौन है जो खुद को दोषी ठहराता है?

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यदि एजेंसियां और अधिक टिप्पणियां चाहती हैं तो हम आपको चेतावनी दे रहे हैं. इस कोर्ट ने बार-बार कहा है कि जमानत पर डिटेल में बहस से बचना चाहिए. जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र भी दाखिल हो चुके हैं. सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है. साथ ही साथ ये एक महिला का भी मामला है. अब के. कविता की हिरासत जरूरी नहीं है. वह 5 महीने से सलाखों के पीछे हैं. निकट भविष्य में ट्रायल पूरी होने की संभावना असंभव है.

एजेंसी के कंडक्ट के खिलाफ टिप्पणी नहीं करना चाहते- SC

शीर्ष अदालत ने कहा कि ईडी-सीबीआई की वकील एएसजी एसवी राजू से कहा कि वह केंद्रीय एजेंसी के कंडक्ट के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है. के कविता के खिलाफ हाई कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणी उचित नहीं है. सिंगल जज का आदेश जिसमें अपीलकर्ता को यह राहत देने से इनकार कर दिया कि ये एक दिलचस्प अध्ययन है. ये कोर्ट दिन-प्रतिदिन कहती आई है कि किसी भी आरोपी के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.

सुप्रीम अदालत ने के. कविता को राहत देने के साथ-साथ 10-10 लाख रुपए के दो बेल बॉन्ड भरने के लिए कहा है. इसके अलावा पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि जमानत के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगी और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी. के. कविता की ओर से शीर्ष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए, जिन्होंने एक-एक कर दलील रखी.

के. कविता पर क्या आरोप हैं?

12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसियों से दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली बीआरएस नेता की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. हाई कोर्ट ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि वह प्रथम दृष्टया आपराधिक साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं. एजेंसियों ने के. कविता पर तथाकथित साउथ ग्रुप का हिस्सा होने का आरोप लगाया. यह बिजनेसमैन और नेताओं का एक ग्रुप है. आरोप है कि इस ग्रुप ने पॉलिसी बनाने और लागू करने में उसका पक्ष लेने के बदले में आम आदमी पार्टी को कथित तौर पर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी. आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इसी तरह के आरोपों में जेल में रह चुके हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी 21 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं. केंद्रीय जांच एजेंसियां केजरीवाल को कथित घोटाले का सरगना बताती हैं.

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