सऊदी अरब में हज यात्रा पर आए 1 हजार से ज्यादा लोगों की इस साल मौत हो चुकी है. यह मौतें भीषण गर्मी के कारण हुई हैं. रेगिस्तानी मुल्क में भयंकर गर्मी के कारण अन्य देशों की तरह भारत के भी 98 लोगों की मौत हो गई है.इस हज यात्रा में पाकिस्तान के भी 35 लोगों की मृत्यु हो गई है. परिजनों का शव लेने के लिए लोग बड़ी संख्या में सऊदी अरब पहुंच रहे हैं, लेकिन सऊदी सरकार ने इन शवों को देने मना कर दिया है.
दरअसल सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान मरने वालों के लिए विशेष नियम हैं. हज यात्रा के दौरान मृतकों के शव सऊदी सरकार उनके देश नहीं भेजती है. ऐसे में सवाल उठता है कि हज यात्रा के दौरान मरने वाले लोगों के शवों का सऊदी सरकार क्या करती है?
परिजनों को सौंप देती है डेथ सर्टिफिकेट
रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान प्राकृतिक कारण या किसी दुर्घटना में मौत हो जाने पर शवों को उनके देश नहीं भेजा जाता. इन शवों का सऊदी साम्राज्य में प्रचलित प्रथा के मुताबिक, सुपुर्द-ए-खाक यानी अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. इसके बाद सऊदी सरकार हज यात्रा सीजन समाप्त होने के बाद संबंधित व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट उनके निकट के रिश्तेदार या परिजनों को सौंप देता है.
आवेदन के दौरान ही हो जाते हैं हस्ताक्षर
सऊदी अरब सरकार हज यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों से सऊदी सरकार आवेदन के दौरान ही हस्ताक्षर करा लेती है. इस आवेदन में नियम होता है कि असमान परिस्थितियों में इस समयावधि में यदि उसकी मौत हो जाती है तो उसे वहीं दफना दिया जाएगा. शव को वापस लाने की किसी भी आपत्ति पर कोई विचार नहीं किया जाएगा.