सुनीता विलियम्स और टीम की जान बचाने में रूस ने निभाई अहम भूमिका

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इस समय अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रही हैं, जहां वे स्टेशन की कमांडर हैं और कई वैज्ञानिक अनुसंधानों पर काम कर रही हैं। हालांकि, हाल के दिनों में अंतरिक्ष में मौजूद कचरे के खतरे ने उनकी और उनके साथियों की सुरक्षा को चुनौती दी है।

अंतरिक्ष कचरे से जुड़ी हालिया घटनाएं:

  1. 19 नवंबर 2024: आईएसएस को संभावित कचरे से बचाने के लिए 5 मिनट तक ऊंचाई पर उठाया गया।
  2. 25 नवंबर 2024: रूस के प्रोग्रेस 89 कार्गो क्राफ्ट ने साढ़े तीन मिनट तक अपने इंजन चालू कर स्पेस स्टेशन को 500 मीटर ऊपर उठाया, जिससे कचरे के टकराने का खतरा टला।

अंतरिक्ष कचरे की गंभीरता:

  • पृथ्वी की कक्षा में 4 इंच चौड़ी 40,500 वस्तुएं और लाखों छोटे टुकड़े मौजूद हैं।
  • ये कचरा इतनी तेज गति से चलता है कि सेटेलाइट और अंतरिक्ष स्टेशनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • किसी भी टकराव से अंतरिक्ष यात्रियों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।

समाधान और सुरक्षा उपाय:

  • स्पेस स्टेशन की ऊंचाई में बदलाव: संभावित टकराव से बचने के लिए इसे समय-समय पर ऊंचाई पर ले जाया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रयास: नासा, रूस और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस समस्या को हल करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।

सुनीता विलियम्स और उनके साथी न केवल अंतरिक्ष में विज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं, बल्कि इन कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना भी कर रहे हैं। उनकी धरती पर फरवरी 2025 में वापसी प्रस्तावित है।

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