मुज़फ्फरनगर क्रांतिकारी शालू सैनी ने समाज में एक अनूठी पहल शुरू की है, जो लावारिस मृतकों के अंतिम संस्कार से जुड़ी है। शालू सैनी ने यह ठाना है कि कोई भी अज्ञात मृतक लावारिस नहीं रहेगा और उनका अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया जाएगा। वह साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और इस कार्य को अपनी प्राथमिकता मानते हुए न केवल लावारिस मृतकों का अंतिम संस्कार करती हैं, बल्कि समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए भी काम करती हैं। वह एक सिंगल मदर हैं और अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाते हुए सड़क पर कपड़े का ठेला लगाती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने लावारिसों के अंतिम संस्कार के लिए अपने खर्चे पर और समाज से सहयोग जुटाकर यह कार्य शुरू किया। शालू सैनी समाज में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई सेंटर चलाती हैं और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी देती हैं। उनकी यह पहल एक प्रेरणा बनकर उभरी है, जो समाज के हर वर्ग को जागरूक करती है।
