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थानाभवन- मरीज के पेट में तौलिया छोड़ने के मामले में स्वास्थ्य विभाग महीनों से जांच को लटकाए बैठा रहा उधर पीड़ित परिवार ने इंसाफ न मिलता देख फैसला कर लिया। तमाम सबूत होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ने आरोपितों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की। स्वास्थ्य विभाग को जिलाधिकारी ने भी जांच के आदेश दिए थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अभी भी जांच चल रही है ऐसा दावा कर रहा है। वही अस्पताल में नियमों को ताक पर रखकर नियम विरुद्ध बिल्डिंग में बेसमेंट एवं बच्चों की नर्सरी व अन्य गतिविधियां तक चलाई जा रही है।एक मरीज के पेट में तौलिया छोड़ दिया गया था, जो एक बहुत बड़ी गलती है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच पूरी नहीं की और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह साफ होता है कि स्वास्थ्य विभाग अपने काम में लापरवाही बरत रहा है।
अस्पताल में कई नियमों का उल्लंघन हो रहा है, जैसे बिना अनुमति के बेसमेंट का निर्माण और बिना प्रशिक्षित डॉक्टरों से इलाज कराना। यह सब बहुत खतरनाक है और इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।पीड़ित परिवार ने इंसाफ न मिलने पर समझौता कर लिया, जो यह दिखाता है कि उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं थी। इस मामले की तुरंत और सही तरीके से जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
डॉ अनिल कुमार शामली सीएमओ द्वारा बताया गया कि पीड़ित पक्ष द्वारा फैसला करने की जानकारी नहीं है इस मामले में दो एसीएमओ जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होते ही अस्पताल संचालक एवं चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।