मुजफ्फरनगर से एक अद्वितीय संघर्ष की कहानी सामने आ रही है। मास्टर विजय सिंह, जो पिछले 29 वर्षों से भ्रष्टाचार, भूमाफियाओं, रिश्वतखोरी तथा अवैध भूमि कब्जे के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे हैं, अब प्रयाग महाकुंभ में 9 दिनों का कल्पवास एवं पूजा-अर्चना करने जा रहे हैं। उनका यह कदम आत्मशुद्धि एवं आत्मशक्ति के लिए है।
महाकुंभ में विशेष तप
प्रयाग महाकुंभ में मास्टर विजय सिंह तीन दिन मौन रहकर, दिन में तीन बार संगम में स्नान, एक निश्चित भोजन व्यवस्था और महामंडलेश्वर, साधु-संतों के प्रवचनों के साथ ईश्वर एवं गंगा मां से प्रार्थना करेंगे। उनका उद्देश्य है – जीवन को शुद्ध, सात्विक बनाना और अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करना।
भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध संघर्ष
मास्टर विजय सिंह पिछले 30 वर्षों से मुजफ्फरनगर में धरने पर बैठे हुए जनहित में सार्वजनिक भूमि को दबंग भूमाफियाओं से मुक्त कराने के लिए अथक प्रयासरत हैं। उनके अनुसार, मुजफ्फरनगर एवं शामली जनपद में लगभग 6 लाख बीघा सार्वजनिक भूमि, तालाब, झील आदि पर अवैध कब्जे हैं। पहले ही उन्होंने चौसाना गाँव की 4000 बीघा भूमि पर घोटाले का खुलासा कर, भ्रष्ट राजनेताओं, अधिकारियों और भूमाफियाओं के खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू की थी।
धरने का विश्व रिकॉर्ड
मास्टर विजय सिंह का 29 साल लंबा धरना अब विभिन्न रिकॉर्ड बुक्स जैसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, मीरा सैल्स ऑफ दा वर्ल्ड रिकॉर्डस और यूनिक वर्ल्डस रिकार्ड द्वारा विश्व का सबसे लंबा सत्याग्रह घोषित किया जा चुका है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
- शिक्षक से सामाजिक नेता तक:
मास्टर विजय सिंह ने अध्यापक की नौकरी छोड़कर समाज सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने अपना घर-परिवार त्यागकर सादगी से जीते हुए भ्रष्टाचार एवं भूमाफियाओं के खिलाफ गाँधीवादी तरीके से संघर्ष आरंभ किया। - व्यक्तिगत त्याग और तपस्या:
आप अपनी बासी कुटिया में रहते हुए, बिना किसी आधुनिक सुविधा के, तापमान के हर मोड़ में तपस्या करते हुए समाज के लिए अपना बलिदान दे रहे हैं। उनका कहना है कि गरीबों के दुख-दर्द को समझकर, उन्होंने 2013 में अपना शरीर एमएम (एमएम, दिल्ली) को दान कर दिया ताकि जरूरतमंद रोगियों को लाभ पहुंच सके। - राजनीतिक दबाव और चुनौतियाँ:
इन संघर्षों के दौरान मास्टर विजय सिंह को जान से मारने की धमकियाँ दी गईं, उनके घर पर आग लगाई गई और कई बार उन्हें हड़ताल के दौरान पुलिस हिरासत में भी रखा गया। इसके बावजूद, उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
सरकार से अपेक्षाएँ
मास्टर विजय सिंह का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा भूमि घोटाले और भूमाफिया पर आवश्यक कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में भी उठाए गए कदम अपेक्षित परिणाम नहीं दे सके। उनकी अपील है कि भ्रष्टाचार, भूमाफियाओं, रिश्वतखोरी तथा अन्याय के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएँ और देश को एक नैतिक, उच्च विचारों वाला समाज बनाया जाए।
निष्कर्ष
मास्टर विजय सिंह का संघर्ष न केवल भूमि विवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ है, बल्कि यह देश के नैतिक मूल्यों, ईमानदारी एवं सादगी के प्रतीक के रूप में भी उभर कर आया है। उनके अदम्य साहस एवं संघर्ष की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो बताती है कि सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर भी आप सामाजिक बदलाव ला सकते हैं।