महाराष्ट्र के सरकारी दफ्तरों में मराठी भाषा अनिवार्य : फडणवीस

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि अब सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, और नगर निगम कार्यालयों में मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके तहत, कार्यालयों में मराठी में बोलने और काम करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, और सरकारी कंप्यूटरों में मराठी भाषा के कीबोर्ड का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा।पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में आयोजित तीसरे ‘विश्व मराठी सम्मेलन’ में मुख्यमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से मराठी साहित्य को डिजिटल रूप में संरक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने मराठी भाषा विभाग को AI-आधारित भाषा मॉडल विकसित करने का निर्देश दिया, ताकि मराठी साहित्य नई पीढ़ी तक पहुंच सके।

यदि कोई सरकारी अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो संबंधित कार्यालय या विभाग के प्रभारी के पास औपचारिक शिकायत दर्ज की जा सकती है।पिछले वर्ष, केंद्र सरकार ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि मराठी हमेशा से शास्त्रीय भाषा रही है, लेकिन अब इसे आधिकारिक पहचान भी मिल गई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मुगल काल में जब फारसी को ‘राजभाषा’ बनाया गया था, तब छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठी को स्वराज्य की आधिकारिक भाषा बनाया था।मुख्यमंत्री ने मराठी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सुझाव दिया कि विभिन्न देशों में बसे मराठी मंडलों के साथ विचार-विमर्श करके ‘मराठी सम्मेलन’ आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें विदेशों में विभिन्न मराठी मंडलों के साथ इस विचार पर बात करनी चाहिए और यह तय करना चाहिए कि कौन सा देश या शहर ‘मराठी सम्मेलन’ आयोजित करने के लिए सबसे उपयुक्त होगा।

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