भारत ने गाजा सीजफायर डील का स्वागत किया, बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम की अपील की

गाजा सीजफायर डील का एलान बुधवार को कतर की राजधानी दोहा से किया गया. जिसके बाद गुरुवार को भारत ने इसका स्वागत किया है, भारत युद्ध की शुरुआत से ही युद्ध विराम की अपील कर रहा था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट कर सीजफायर पर बयान जारी किया है.विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति होगी. हमने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्ध विराम और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.

पूरे युद्ध के दौरान भारत का रुख

भारत ने गाजा युद्ध की शुरुआत से ही दोनों पक्षों से शांति की अपील की है. भारत ने हमास के हमले के साथ-साथ फिलिस्तीनी नागरिकों पर भीषण बमबारी की निंदा की है. साथ ही गाजा के लिए भारत सरकार ने मानवीय साहती भी भेजी है. चाहें UN हो या कोई अंतरराष्ट्रीय मंच भारत ने फिलिस्तीन की आजादी का समर्थन किया है और दो राष्ट्र समझौते को लागू करने का बार-बार आह्वान किया है

गाजा युद्ध विराम

लगभग 460 दिन चले गाजा युद्ध में बुधवार को सीजफायर का ऐलान किया गया है. जिसके बाद गाजा के लोगों में जश्न का माहौल देखा गया, वहीं तेल अवीव में बंधकों की वापसी के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भी एक दूसरे को गले लगाया. इस युद्ध ने 46 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान ली है, वहीं इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हमास के हमले के बाद से इजराइली कार्रवाई में लगभग एक हजार फिलिस्तीनी मारे गए हैं.बता दें ये लड़ाई 7 अक्टूबर 2023 में हमास के अचानक हमला करने के बाद भड़क गया था. जिसमें करीब 1200 इजराइलियों की मौत हुई थी और लगभग 250 इजराइली और विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया गया था.

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