बारिश की पहली फुहार ने खोली अयोध्या रेलवे स्टेशन पर निर्माण पोल

केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार यूपी समेत अन्य राज्यो में स्थित पर्यटन स्थलों के विकास के लिए हाल के कुछ वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट्स लगभगत पूरे हो चुके हैं।राम नगरी में पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ आधरभूत ढांचे को को हाल के केंद्र और प्रदेश सरकार की परियोजनाओं ने काफी मजबूती दी है। लेकिन प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य में खामियां अक्सर अखरती हैं। दरअसल, अयोध्या रेलवे स्टेशन की बाउंड्री वाल का पहली बारिश में ही धराशाई हो जाना निर्माण की गुणवत्ता पर एक बड़ा सवाल है।

रामायण सर्किट केंद्र सरकार का एक ऐसा ही प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य अयोध्या से रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है। इस प्रोजेक्ट के तहत काम लगभग पूरा भी हो चुका है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया था। लेकिन स्टेशन की बाउंड्री वाल नहज चार महीने बाद ही गिर गई। इससे पहले अगर बारिश

हुई होती तो शायद ये वॉल पहले ही गिर गई होती।

अयोध्या रेलवे स्टेशन की बाउंड्री वॉल गिरते वक्त शूट किए गए विडियो में साफ दिख रहा है, कैसे फाउंडेशन के पास पानी जाते दीवार गिर रही है। हालांकि ये कोई मानसून की बारिश नहीं थी। अयोध्या समेत आसपास के कई जिलों में अब तक मानसून ने दस्तक नहीं दी है। प्री मानसून की बारिश में वाउंड्री वाल का गिरना रेलवे स्टेशन के अन्य बड़े निर्माण कार्यों पर भी सवाल खड़े करता है। ऐसे में आयोध्यावासियों ने निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

20 मीटर ढही बाउंड्री वॉल

रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुए अभी केवल चार महीने बीते हैं। लेकिन पहली बारिश में ही बाउंड्री वॉल भरभराकर गिर गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक, रात में हुई बारिश के दौरान दीवार के पास पानी इकट्ठा होते ही गिर गई। स्टेशन की बाउंड्री वॉल लगभग 20 मीटर तक गिर गई।

‘दीवार के पास था गड्डा’

स्थानीय लोगों को मुताबिक, दीवार के पीछे की जमीन ख़ाली थी, कुछ मिट्टी का काम करने वाले ठेकेदारों ने क्षतिग्रस्त दीवार के पीछे के हिस्से में गड्डा कर मिट्टी निकाल ली थी, जिसके चलते बरसात में पानी भरा और दीवार से लगी मिट्टी खिसकती चली गई और दीवार गिर गई।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

अयोध्यावासियों ने रेलवे स्टेशन का निर्माण करने वाली एजेंसी और अधिकारियों पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने निर्माण एजेंसी RITES और जिम्मेदारों अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की गांग की है। पार्षद नंद कुगार नंदू के गुताबिक, निर्माण एजेंसी की अनदेखी भारी पड़ रही है। अयोध्या रेलवे स्टेशन एक बड़ा प्रोजेक्ट था, जिसके तहत निर्माण एंजेंसी RITES ने काम किया है। पहली बारिश में बाउंड्री वॉल के गिरने के बाद स्टेशन पर हुआ अन्य निर्माण भी गुणवत्ता को लेकर शक के दायरे में आ गया है। मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ओर निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।

वहीं व्यवसायी पंकज गुप्ता ने कहा कि अयोध्या को केंद्र ओर प्रदेश सरकार पर्यटन विकास की दृष्टि से विकसित कर रही है। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता अगर ऐसी ही रही तो उद्देश्य पूरा होना मुश्किल हो जाएगा। गुप्ता ने बाउंड्री वॉल गिरने पर कहा कि गनीमत रही की उसके आसपास यात्री नहीं थे, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

मयंक श्रीवास्तव रेलवे स्टेशन की बाउंड्री वाल गिरने के मामले में निर्माण एजेंसी RITES को जिम्मेदार बताया और कहा की मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। एक अन्य स्थानीय विशाल ने कहा कि लंबे समय बाद अयोध्या रेवले स्टेशन का विकास हुआ है। राम मंदिर दर्शन के लिए यात्री बड़ी संख्या में अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या रेलवे स्टेशन से भारत के अधिकतर बड़े स्टेशनों ने निकलने वाली रेलगाड़ियां ठहरती हैं। ऐसे में यात्रियों का सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। रेलेवे स्टेशन पर निर्माण की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति आने से पहले ही इससे निपटने का प्रबंध हो सके।

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