बैंक डकैती में आठ लोगों को दस-दस साल की कैद

उत्तरप्रदेश  अलीगढ़ एडीजे प्रथम संजीव कुमार सिंह की अदालत ने पिसावा में बैंक में डकैती के मामले में आठ अभियुक्तों को षी करार दिया है. अदालत ने उन्हेंदस-दस साल की कैद व 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार यह घटना 9 फरवरी 2010 को हुई थी. मामले में श्रेयस ग्रामीण बैंक की शाखा पलसेड़ा, पिसावा के प्रबंधक लालबहादुर ने तहरीर देकर बताया था कि पहर करीब 0330 बजे पांच-छह लोग बैंक में घुस आए. तब वे कंप्यूटर पर काम कर रहे थे. प्रबंधक, कैशियर व संदेशवाहक का गिरेबां पकड़कर तमंचे तान दिए और मोबाइल लेकर स्टेशनरी रूम में बंद कर दिया. बैंक से 15 लाख 60 हजार 952 रुपये ले गए. साथ में काउंटर पर रखा मोबाइल भी लूट ले गए थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. घटना का खुलासा करते हुए प्रवेश व शिवकुमार उर्फ शिब्बू निवासी विजना (पिसावा), नेत्रपाल निवासी पलसेड़ा (पिसावा), विरजू उर्फ बृजमोहन, श्याम, वीरेंद्र, भीमा उर्फ कुलदीप निवासी गांव कीरतपुर (खैर) व देवेंद्र चौहान निवासी गांव बामौती (खैर) को पकड़ा. इसके बाद इन लोगों केखिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए. अदालत ने सभी को दस-दस साल की सजा सुनाई है.

मांगों को लेकर जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

भाकियू हरपाल गुट ने पूर्व में एसडीएम इगलास, अधिशाशी अभियंता विद्युत् इगलास से धरना प्रदर्शन कर माँग की थी कि 7 को आए जिओ के अनुसार किसानों के निजी विद्युत नलकूपों का बिल माफी की श्रेणी में आता है कि नहीं और पांच किसानों के विद्युत नलकूपों का उदाहरण देते हुए लिखित में ज्ञापन दिया था. इस पर अधिसासी अभियंता इगलास ने लिखित में यह दिया कि प्रदेश से हमें 01/04/23

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