कैराना में नगरपालिका ठेके पर विवाद,

भास्कर न्यूज उत्तर प्रदेश उत्तराखंड

शामली ।कस्बा कैराना, जिला शामली में नगरपालिका कैराना द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाले मैला छडियान के ठेके को लेकर गहन विवाद उत्पन्न हो गया है। प्रार्थी दिलशाद सबाज ने आरोप लगाया है कि नगरपालिका ने इस वर्ष ठेका गुपचुप तरीके से साठगांठ कर दिया है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी हानि हुई है।दिलशाद सबाज, जो कि स्थानीय निवासी हैं और ठेके को लगभग 50 लाख रुपये में लेने की इच्छा रखते थे, ने कहा कि पिछले वर्षों में जैसे ठेके को खुली बोली में दिया जाता था, वैसा इस बार नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में नगरपालिका की ओर से न तो किसी अखबार में विज्ञापन दिया गया और न ही कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया।

प्रार्थी का कहना है कि नगर पालिका द्वारा जो पैसा पिछले वर्षों में मैला छडियान से प्राप्त हुआ, उसका बंदरबांट किया जाता रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए ताकि असामान्य गतिविधियों का पता चल सके।दिलशाद सबाज ने यह भी बताया कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार थे और वे इस ठेके के लिए पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने नगरपालिका से आग्रह किया है कि ठेके को निरस्त किया जाए और फिर से उचित प्रक्रिया के तहत बोली लगाई जाए।

साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बाईपास पानीपत रोड कैराना पर भी एक और मैला छडियान लगाया गया है, जिसे निरस्त करके दोनों मैला छडियान को बोली लगाकर छुड़वाने की मांग की गई है। उनका मानना है कि ऐसा करने से सरकार की आमदनी बढ़ेगी और पारदर्शिता बनी रहेगी।स्थानीय नागरिकों ने भी दिलशाद सबाज के समर्थन में आवाज उठाई है और मांग की है कि नगरपालिका की इस साठगांठ की जांच होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि नगरपालिका द्वारा इस तरह की गुप्त साठगांठ से न केवल सरकार की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है, बल्कि यह स्थानीय विकास को भी नुकसान पहुंचाता है।प्रार्थी ने अंत में सभी संबंधित उच्च अधिकारियों से अपील की है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करें और नगर पालिका कैराना द्वारा छोड़े गए ठेके की जांच कर निरस्त किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो स्थानीय नागरिकों का विश्वास नगरपालिका के प्रति कमजोर होगा, और यह एक बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।

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