डायबिटीज के मरीज पंचकर्म उपचार करा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी

डायबिटीज के मरीज पंचकर्म उपचार कर सकते हैं, लेकिन यह उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। दिल्ली नगर निगम में चीफ मेडिकल ऑफिसर (आयुर्वेद) डॉ. आरपी पराशर के अनुसार, डायबिटीज के रोगी अपने डॉक्टर की सलाह पर पंचकर्म करा सकते हैं। पंचकर्म से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाकर ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

हालांकि, कुछ स्थितियों में पंचकर्म से बचना चाहिए:

  • यदि शुगर लेवल 200 के पार है।
  • यदि शरीर कमजोर है और डायबिटीज के अलावा किडनी की बीमारी है।
  • यदि उम्र 60 वर्ष से अधिक है।

इन परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

पंचकर्म की विरेचन विधि डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रभावी मानी जाती है। वाराणसी के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में किए गए शोध में यह पाया गया कि विरेचन पद्धति से शुगर लेवल को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है, और महज 21 से 36 दिनों में इसका असर दिखने लगता है।इसलिए, डायबिटीज के मरीज पंचकर्म उपचार कर सकते हैं, लेकिन यह उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। उपचार शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

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