पप्पू यादव को धमकी देने का मामला निकला फर्जी,

बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के निवास अर्जुन भवन को उड़ाने की धमकी देने वाले मामले में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। पूर्णिया पुलिस ने धमकी भरे लेटर के लेखक से पूछताछ की, और पता चला कि यह पत्र पूरी तरह से फर्जी था। पत्र में सुपौल के निवासी कुंदन कुमार का नाम धोखे से इस्तेमाल किया गया था। धमकी देने वाले ने पत्र को कंप्यूटर से टाइप किया था, ताकि हैंडराइटिंग से पहचान न हो सके, और इसे प्रिंट करके लिफाफे में डाला था।

पुलिस का कहना है कि पप्पू यादव को मिली सभी धमकियों की गंभीरता से जांच की जा रही है, और इसके लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। हालांकि, अब तक यह पता चला है कि पत्र भेजने के मामले में कुंदन कुमार का कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने यह भी बताया कि पत्र में दिए गए मोबाइल नंबर भी कुंदन कुमार के ही थे, लेकिन उन पर अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है कि असल में धमकी देने वाला कौन था।

धमकी भरे पत्र में यह लिखा था कि पप्पू यादव को अगर लॉरेंस विश्नोई के जेल से कॉल आने पर कॉल नहीं उठाने की वजह से उसे मारने की धमकी दी गई थी, और कहा गया था कि 15 दिनों के भीतर उनके घर को उड़ा दिया जाएगा। इस पत्र को अर्जुन भवन स्थित कार्यालय कर्मी ने खोला और इसके बाद पप्पू यादव को इसकी सूचना दी। पप्पू यादव ने इस बारे में पूर्णिया एसपी से बात की।एसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि पप्पू यादव को धमकी देने के मामले में लॉरेंस विश्नोई गैंग का कोई संबंध नहीं है। पूर्व में महेश पांडेय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो धमकी के जरिए पप्पू यादव से नजदीकी बनाने की कोशिश कर रहा था। फिलहाल, इस मामले में जांच जारी है और पुलिस ने सांसद की सुरक्षा को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती है।

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