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मुज़फ्फरनगर।भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने आज एक महत्वपूर्ण ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य किसानों की विभिन्न समस्याओं को उजागर करना और उनके समाधान के लिए प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। यह मार्च किसानों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के क्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। भाकियू ने प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र में किए गए वादों की याद दिलाते हुए उन्हें पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, केंद्र सरकार से भी उनकी जिम्मेदारियों को निभाने की अपील की गई है।
मार्च के दौरान भाकियू ने किसानों के लिए आवश्यक कानूनों और नीतियों की मांग की, जिनमें सबसे प्रमुख है एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून। किसानों का मानना है कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब एमएसपी गारंटी कानून समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह कानून किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें। भाकियू ने केंद्र सरकार से इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की अपील की है और इस संदर्भ में एक नई कमेटी के गठन की मांग की है।
इसके अलावा, भाकियू ने फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की है। उन्होंने विशेष रूप से सी2+50 के फॉर्मूले को लागू करने का सुझाव दिया है, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने देश में एक अलग से किसान आयोग के गठन की भी मांग की है, जो किसानों की समस्याओं का समुचित समाधान कर सके।
भाकियू ने गन्ने की कीमतों में वृद्धि की आवश्यकता पर भी बल दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में यूपी समेत अन्य राज्यों में गन्ने का मूल्य नाममात्र ही बढ़ाया गया है, जिससे किसान संकट में हैं। उन्होंने मांग की कि गन्ने का भाव कम से कम 400 रुपये प्रति कुंतल किया जाए और गन्ना बकाया का डिजीटल भुगतान त्वरित रूप से किया जाए।कई राज्यों में किसानों को मुफ्त बिजली प्रदान करने के कदमों की सराहना करते हुए, भाकियू ने अन्य राज्यों में भी इस सुविधा को लागू करने की मांग की है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, उन्होंने ट्यूबवेलों पर बिजली मीटर लगाने को तत्काल बंद करने और इस संबंध में सरकार से स्पष्ट स्पष्टीकरण जारी करने की अपील की है।
छुट्टा पशुओं की समस्या, जो किसानों के लिए एक विकराल समस्या बन चुकी है, के समाधान के लिए भाकियू ने ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी परती जमीनों पर अस्थाई पशुशालाएं बनाने का प्रस्ताव रखा है। इससे न केवल खेती सुरक्षित होगी बल्कि किसानों के जान-माल की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।भाकियू ने छोटी जोत के किसानों के लिए विशेष योजनाओं की भी मांग की है। उन्होंने इन किसानों के परिवारों के स्वास्थ्य और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए अलग से उचित प्रबंध करने की अपील की है। साथ ही, छोटी जोत के किसानों को उबारने के लिए कृषि ऋण को ब्याजमुक्त करने और किसान क्रेडिट कार्ड पर केवल 1% की दर से ब्याज लगाने का सुझाव दिया है। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की मियाद को भी कम से कम पांच वर्ष करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के नुकसान का सर्वेक्षण कराकर तत्काल मुआवजा देने की मांग भी इस प्रस्ताव में शामिल है। भाकियू ने खाद-बीज और कीटनाशक के क्षेत्रों में किसानों के नाम पर दी जा रही सब्सिडी को सीधे किसानों को देने का सुझाव दिया है, जिससे वे इसका पूरा लाभ उठा सकें।जल संरक्षण और जल स्तर को ऊपर उठाने के लिए भाकियू ने नदियों को आपस में जोड़ने की योजना का विस्तार करने, वाटर रिचार्ज की स्कीम को धरातल पर उतारने, और नदियों पर चेकडेम बनाने तथा उनकी साफ-सफाई कराने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही, छोटी नहरों में रिचार्ज कूप योजना को भी लागू करने की मांग की है।