पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 2024-25 के लिए नयी आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। इससे राज्य में बीयर और भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की कीमतें करीब 10 फीसदी बढ़ जाएंगी।
देशी शराब, जिसे पंजाब मीडियम लिकर (पीएमएल) भी कहा जाता है, की दरों में न के बराबर बढ़ोतरी हो सकती है। नयी आबकारी नीति लागू होने के बाद 1 अप्रैल से कीमतों में मामूली बढ़ोतरी तय है। सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा एमआरपी पर सीमा हटाने के बाद बीयर की कीमतें 20-25 रुपये प्रति बोतल बढ़ जाएंगी। 2023-24 की आबकारी नीति में लगाई गई एमआरपी की सीमा को शराब खुदरा विक्रेताओं द्वारा घाटे का हवाला देते हुए दबाव डालने के बाद हटा दिया गया है। आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि नयी आबकारी नीति में बीयर के लिए अधिक कीमत वसूलने वाले किसी भी शराब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। शराब व्यापारियों के अनुसार, देशी शराब की कीमतों में 4-5 रुपये प्रति बोतल और आईएमएफएल की कीमतों में 50 रुपये प्रति बोतल की बढ़ोतरी होने की संभावना है।एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने एल1 ठेकेदारों के लिए लाभ मार्जिन कम कर दिया है और एल1 ठेकेदारों से एक्साइज शुल्क की वसूली 138 करोड़ (2023-24) से अधिक होने की उम्मीद है। पीएमएल के लिए कोटा 3 प्रतिशत बढ़ाया गया है जिससे 2024-25 में 8.286 करोड़ प्रूफ लीटर देशी शराब बेचे जाने की उम्मीद है। आईएमएफएल और बीयर का खुला कोटा होगा। खुले कोटे से चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगे सभी जिलों में ठेकेदारों को फायदा होगा क्योंकि आईएमएफएल को कथित तौर पर इन राज्यों में तस्करी कर भेजा जा रहा था, जहां कीमतें पंजाब से अधिक हैं।संगरूर, तरनतारन में स्थापित होंगी दो विशेष पोक्सो अदालतें
पंजाब मंत्रिमंडल ने शनिवार को तरनतारन और संगरूर जिलों में पोक्सो अधिनियम के तहत दो विशेष अदालतें
स्थापित करने को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि यह कदम बलात्कार सहित बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करेगा। चीमा ने कहा कि ये अदालतें तरनतारन और संगरूर जिलों में स्थापित की जाएंगी। कैबिनेट ने दो करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज का लाभ बढ़ाने का फैसला किया जो फिलहाल मौजूदा एक करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वालों के लिए था।