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बागपत, जिले के सिरसलगढ़, मवीकलां, मवीखुर्द, हजूराबाद गढ़ी, बुढ़सैनी और अन्य गाँवों के उज्ज्वल गोत्र के ग्रामीण आज भी सैकड़ों वर्षों पुरानी परंपरा को निभा रहे हैं, जो उनके पूर्वजों ने गंगा मैया से किए गए वचन के रूप में शुरू की थी। इन गांवों के ग्रामीण हर साल दीपावली से 15 दिन पहले गोवर्धन पूजन करते हैं। इस प्रथा के पीछे एक दिलचस्प कथा है, जिसे ग्रामीण आज भी अपने पूर्वजों के अनुभव के रूप में बताते हैं।मवीकलां के डॉ. कुलदीप उज्ज्वल, सुरेंद्र सिंह प्रधान, हजूराबाद गढ़ी के धीरज उज्ज्वल, सिरसलगढ़ के जितेंद्र उज्ज्वल और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उनके पूर्वज सैकड़ों साल पहले गंगा पार बैल खरीदने गए थे। जब वे वापस लौटे, तो गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, जिससे वे दो दिन तक किनारे पर फंसे रहे। उनके पूर्वजों ने गंगा मैया से प्रार्थना की और वचन दिया कि यदि वे सुरक्षित पार हो गए, तो वे गोवर्धन पूजा दीपावली से 15 दिन पहले किया करेंगे। उनके इस वचन के बाद गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे कम हुआ और वे सुरक्षित पार हो गए।तब से ये ग्रामीण अपने पूर्वजों द्वारा गंगा मैया को दिए इस वचन को निभा रहे हैं। इस वर्ष भी, हजूराबाद गढ़ी, सिरसलगढ़ और अन्य गांवों के लोग, जिनमें वेदपाल उज्ज्वल, राजू तोमर, गुलाब, सोमपाल, सुधीर, जिला पंचायत सदस्य धनपाल उज्ज्वल, जितेंद्र उज्ज्वल, गौरव, सुखपाल, देशपाल, पुष्पेंद्र आदि शामिल रहे, इस परंपरा को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।