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मुजफ्फरनगर |मेरा वजूद फाउंडेशन द्वारा आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों में छात्रों के सशक्तिकरण और जागरूकता के लिए आयोजित कार्यशाला बेहद प्रेरणादायक रही। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की रोकथाम पर गहन चर्चा की गई।मुख्य अतिथि डॉ. ममता अग्रवाल ने बताया कि आत्महत्या रोकथाम के लिए जागरूकता और सही मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण है। इस वर्ष की थीम “चेंज द नेरेटिव अबाउट सुसाइड” पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि नकारात्मक विचारों को सकारात्मक दृष्टिकोण में बदलना आवश्यक है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों को साझा किया, जिनके अनुसार हर साल लाखों लोग आत्महत्या करते हैं और करोड़ों लोग तनावग्रस्त होते हैं।अन्य वक्ताओं ने भी मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर बल दिया। योगेश त्यागी ने बताया कि एक सच्चा मित्र होना या किताबों को मित्र बनाना तनाव से उबरने में मदद कर सकता है। संजय आहूजा ने जीवन के संघर्षों को आत्म-साक्षात्कार और अहंकार से मुक्ति के माध्यम से सुलझाने की प्रेरणा दी।कार्यक्रम के अंत में प्रवेन्द्र दहिया ने सकारात्मक सोच के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कठिन परिस्थितियों में भी समाधान की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।यह कार्यशाला छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर महत्वपूर्ण संदेश देने में सफल रही।