चीन-पाक की हर चाल को मात देगी ‘अरिघात’, जानें क्या है इसकी खासियत

चीन और पाकिस्तान की हर चाल को मात देने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर में INS अरिघात उतारेगी. 29 अगस्त को यह घातक परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो सकती है. INS अरिघात भारतीय नौसेना की अरिहंत क्लास की दूसरी सबमरीन है. अरिहंत संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘दुश्मन का विनाशक’. भारतीय नौसेना 28 अगस्त को अपने हथियारों के जखीरे में आईएनएस अरिघात को शामिल करेगी.

यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी है, जिसे पूरी तरह से अपने ही देश में बनाया गया है. यह पनडुब्बी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नौसेना में शामिल होगी. आईएनएस अरिघात हमारी वॉटर सिक्योरिटी को यानी हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करेगी. साथ ही भारत की मेरीटाइम सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक घटक सुरक्षाघेरा बनाएगी. अरिघात उन इलाकों में भी पेट्रोलिंग करेगी, जिनमें भारत की रुचि है.

महीनों तक पानी में रह सकती है

परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल ATV प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. ये अरिहंत क्लास न्यूक्लियर पावर से लैस सबमरीन है. परमाणु रिएक्टर से चलने वाली यह सबमरीन आम सबमरीन से तेज चल सकती है. यहां तक कि यह सतह पर चलने वाले जहाजों की रफ्तार की बराबरी भी कर सकती हैं. आम पनडुब्बियां जहां सिर्फ कुछ घंटों तक ही पानी के नीचे रह पाती हैं, वहीं यह पनडुब्बियां महीनों तक पानी में रह सकती हैं.

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