अमेरिका का F-35 फाइटर जेट, जिसे दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में गिना जाता है, फिर से एक हादसे का शिकार हुआ है. अलास्का के ईल्सन एयरबेस पर यह फाइटर जेट आसमान से जमीन पर गिर गया.इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें विमान को रनवे पर गिरते और टकराते देखा गया. हालांकि, विमान के पायलट ने समय रहते पैराशूट की मदद से निकलकर अपनी जान बचा ली.यह पहली बार नहीं है जब F-35 हादसे का शिकार हुआ है. इससे पहले न्यू मैक्सिको में भी यह फाइटर जेट क्रैश हो चुका है, जिससे इस विमान की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. कई डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि F-35 फाइटर जेट में कई तकनीकी खामियां हैं, जो इसे एक भरोसेमंद विकल्प नहीं बनातीं. इसकी क्षमता को लेकर उठ रहे सवालों ने इसे अमेरिका के लिए एक “सफेद हाथी” बना दिया है, क्योंकि इसके मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. लेकिन इसका प्रदर्शन क्षमता के अनुसार नहीं है.

F-35 एक स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे अमेरिका के अलावा चीन और रूस जैसे देशों के पास भी स्टील्थ तकनीक वाले लड़ाकू विमान हैं. F-35 की कीमत करीब 684 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है. इसका ऑपरेशन व मेंटेनेंस अमेरिका के लिए भी चुनौतीपूर्ण है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम पर अब तक करीब 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर दिए हैं, जो इसे एक महंगा प्रोजेक्ट बनाता है.F-35 की तकनीकी क्षमताएं और खामियांF-35 की विशेषता इसकी स्टील्थ तकनीक है, जिससे इसे रडार से ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. यह लड़ाकू विमान 1.6 मैक की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है. इसमें एडवांस सेंसर और मिसाइल बॉडी के अंदर फिट होने की क्षमता जैसी खूबियां हैं. लेकिन इसके बावजूद, इसके रडार सिस्टम के अत्यधिक गर्म होने और इंजन क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं.
JUST IN: F-35 fighter jet crashes at Eielson Air Force Base in Alaska. The pilot survived pic.twitter.com/zEuPNY8jqk
— BNO News (@BNONews) January 29, 2025
अमेरिका के लिए सफेद हाथी
F-35 की ऑपरेशनल लागत इतनी ज्यादा है कि इसे अमेरिका के लिए एक सफेद हाथी माना जाने लगा है. विमान की टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें अभी भी कई समस्याएं बरकरार हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका को नई इंजन टेक्नोलॉजी और कम लागत वाले मेंटेनेंस सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए.