दिवाली के मौके पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर एनसीपी के नेता एकत्र हुए, लेकिन इस बार अजित पवार मौजूद नहीं थे। जब शरद पवार से उनके भतीजे की गैरमौजूदगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अजित की व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उनके न आने को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि अजित किसी कारणवश नहीं आ पाए होंगे, और यह भी कहा कि अन्य लोग उपस्थित थे।इसके अलावा, शरद पवार ने बदलाव की बात करते हुए कहा कि यह सही समय है जब कुछ अलग किया जा सकता है। उन्होंने राज्य के सही मार्गदर्शन की जरूरत पर जोर दिया, यह भी कहा कि सिर्फ राजनीति से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। राज्य में सत्ता परिवर्तन की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता उन्हीं को सौंपी जानी चाहिए जो विकास को प्राथमिकता देते हैं।
एनसीपी में फूट के बाद से चाचा और भतीजे में अनबन
एनसीपी में फूट के बाद से ही चाचा और भतीजे में अनबन चल रही है. इसके बावजूद भी शरद पवार कई मौके पर अजित की तरफदारी करते देखे गए हैं. बीच में तो ये भी खबर चल रही थी कि चाचा शरद और भतीजा अजित फिर से एक हो जाएंगे. मगर फिलहाल तो ऐसा कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है. हां, चाचा शरद के मन में पार्टी टूटने का मलाल जरूर है. कई मौकों पर उन्होंने इसका जिक्र भी किया है.हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि अजीत पवार की वजह से उन्हें कोर्ट जाना पड़ा. शरद ने कहा कि उन्होंने एनसीपी बनाई लेकिन इसे उनसे छीन लिया गया. पार्टी का चुनाव चिन्ह किसी और को दे दिया गया. उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी में कभी कोर्ट की सीढ़ियां नहीं चढ़ी लेकिन उनकी (अजित पवार) वजह से मुझे कोर्ट जाना पड़ा.