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मुजफ्फरनगर। नगर में समाज सेवा की अनोखा रूप क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा दिखाया गया हैं। क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा समाज सेवा को अपना कर्तव्य समझकर किया गया और आज तक उसी तर्ज पर समाज सेवा करती आ रही हैं। क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा जनपद के छपार थाने से मिले भोले के शव को अपना नाम देकर विधि विधान से अंतिम संस्कार किया क्रांतिकारी शालू सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से कावड़ मेला चल रहा है।हर किसी न किसी भोले को शव का अंतिम संस्कार कर रही हु पर दर्द बहुत ह उनके परिवार वाले आई इंतजार कर रहे होंगे ये पीड़ा मेरे लिए अशनीय होती हैं उनका कहना हैं कि भगवान ने मुझको समाज सेवा की कसौटी पर उतारा हैं और मै इस कसौटी पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगी, क्योकि भगवान भेाले नाथ ने यदि मुझको इस कार्य के लिए चुना हैं तो होसला और हिम्मत भी वही दे रहा हैं, क्योकि भगवान कभी अपने भक्तों का साथ नही छोडता हां ये बात और हैं कि कभी कभी भक्त के कदम डगमगा जाते हैं और उसकी सजा भगवान उसको देते हैं जिस समय वह थोडा परेशान हो जाता हैं,मगर भगवान उनको सिर्फ सही रास्ता छोडकर गलत रास्ता चुनने की सजा देता हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में आज क्रांतिकारी शालू सैनी परिचय की माहताज नही हैं। लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी के नाम से जनपद के साथ साथ पडोसी जनपदों में भी प्रसि हो रही हैं।