देश के सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने देश के करोड़ों होम लोन बायर्स को बड़ी राहत देते हुए ब्याज दरों में कटौती की है. आरबीआई RBI एमपीसी ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है.जिसके बाद रेपो दरें 6.50 फीसदी से कम होकर 6.25 फीसदी हो गई है. आरबीआई ने करीब 56 महीने के बाद यानी मई 2020 के बाद रेपो रेट में कटौती की है. वहीं करीब दो साल के बाद रेपो दरों में कोई बदलाव देखने को मिला है. फरवरी 2023 से ब्याज दरों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला था. खास बात तो ये है कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की यह पहली आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग है. जिसमें उन्होंने पहली ही बार में आम लोगों को बड़ी राहत दी है.
56 महीने के बाद कटौती
आरबीआई एमपीसी ने 56 महीने के बाद रेपो रेट में कटौती की है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की गई है. जिसके बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर आ गए हैं. रेपो दरों में इस कटौती से आम लोगों को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई देगी. जानकारों की मानें तो देश के लोगों की लोन ईएमआई खासकर होम लोन ईएमआई कम होगी. एक ही हफ्ते में आम लोगों के लिए दूसरा तोहफा होगा. कुछ दिन पहले देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपए की सालाना कमाई को टैक्स से मुक्त कर दिया है. अब देश के होम लोन बायर्स बड़ी राहत देते हुए लोन ईएमआई को कम कर दिया गया है. जानकारों की मानें तो आने वाली बाकी मीटिंग्स में लोन ईएमआई के कम होने का सिलसिला जारी रह सकता है.
#WATCH | Making a statement on Monetary Policy, RBI Governor Sanjay Malhotra says, "The Monetary Policy Committee unanimously decided to reduce the policy rate by 25 basis points from 6.5% to 6.25%…"
— ANI (@ANI) February 7, 2025
(Source – RBI) pic.twitter.com/wIOOfpAwS4
कितनी रहेगी ग्रोथ
आरबीआई गवर्नर के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में देश की ग्रोथ 7 फीसदी से कम यानी 6.75 फीसदी देखने को मिल सकती है. उन्होंने पहली तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.7 फीसदी देखने को मिल सकता है. जबकि दूसरी तिमाही में इजाफा होकर 7 फीसदी रह सकता है. जबकि तीसरी और चौथी तिमाही में देश की जीडीपी का अनुमान 6.5 फीसदी देखने को मिल सकता है. खास बात तो ये है कि दिसंबर पॉलिसी मीटिंग में पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी रखा था. जबकि दूसरी तिमाही में ग्रोथ 7.3 फीसदी था. दोनों तिमाही में 20 से 30 बेसिस प्वाइंट की कटौती देखने को मिली है.
महंगाई का ये रहा अनुमान
महंगाई को लेकर भी आरबीआई ने अपने अनुमान जारी किए हैं. मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वैसे चौथी तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है. जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है. वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि पहली तिमाही में 4.6 फीसदी रह सकती है. इससे पहले इसमें 4.5 फीसदी का रहने अनुमान जताया जा रहा है. दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है.
काफी समय से चल रही थी डिमांड
लोन ईएमआई कम करने की डिमांड काफी समय से देखने को मिल रही थी. आरबीआई एमपीसी पर काफी दबाव भी देखने को मिल रहा था. एमपीसी के 6 सदस्यों में से एक दो सदस्य पिछली कुछ मीटिंग्स में रेपो दरों में कटौती का समर्थन भी कर रहे थे. लेकिन मैज्योरिटी मेंबर्स रेपो रेट यथावत रखने के पक्ष में वो कर रहे थे. यहां तक कि केंद्र सरकार की ओर से भी लगातार दबाव बनता हुआ दिखाई दे रहा था. आरबीआई गवर्नर के रिटायरमेंट के बाद जब संजय मल्होत्रा ने आरबीआई गवर्नर का पद संभाला तब लगा कि रेपो रेट में कटौती देखने को मिल सकती है.
दो साल से फ्रीज थी दरें
खास बात तो ये है बीते दो साल से ब्याज दरें फ्रीज थी. उनमें कोई बदलाव देखने को नहीं था. फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा किया गया थ. तब से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ था. उससे पहले मई 2022 से ब्याज दरों में इजाफा होना शुरू हुआ. तब आरबीआई एमपीसी ने 0.40 फीसदी का इजाफा किया था. जो उसके बाद फरवरी 2023 रेपो दरों में 2.50 फीसदी इजाफा कर 6.50 फीसदी कर दिया. वो समय ऐसा था जब आरबीआई के सामने महंगाई एक बड़ी चिंता का विषय थी. मौजूदा समय में रिटेल महंगाई 5 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. जिसके जनवरी में 5 फीसदी से नीचे आने के संकेत मिल रहे हैं.