मीरवाइज उमर फारूक ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जताई आपत्ति, भारतीय संविधान के उल्लंघन का आरोप

मीरवाइज उमर फारूक का वक्फ संशोधन विधेयक पर बयान जम्मू-कश्मीर में धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बातचीत का हिस्सा है। उनके द्वारा उठाए गए बिंदु, खासकर भारतीय संविधान के उल्लंघन और कश्मीर के लोगों के मुद्दों के बारे में चिंता, वाकई में इस बिल के प्रभाव को लेकर गहरी चिंताओं को दर्शाते हैं। मीरवाइज ने जो कहा, वह कश्मीर के संवैधानिक और सांस्कृतिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है।

उनकी आपत्तियों में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके प्रभावों पर ध्यान देने की बात की गई, और यह बिल वंचित समुदायों, खासकर मुसलमानों, के कल्याण पर असर डाल सकता है। इसका सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी गहरा प्रभाव हो सकता है, क्योंकि कश्मीर में पहले से ही धार्मिक तनाव और विवाद चलते रहते हैं।

एमएमयू ने बयान जारी कर कही थी ये बात

बुधवार को मीरवाइज की अध्यक्षता वाली मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल विधेयक के कुछ प्रावधानों पर अपनी कड़ी आपत्तियां व्यक्त करेगा, जिनका वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और स्वायत्तता तथा मुसलमानों, खासकर वंचितों के कल्याण पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की आशंका है.यह पहली बार है जब मीरवाइज, जो लगभग समाप्त हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख भी हैं, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर आए हैं.

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