दुर्घटना में पहले तीन घंटे होते हैं घायल के लिए महत्वपूर्ण

 

एएम्स में परिवहन विभाग के सहयोग से चौथे चरण का फर्स्ट रिस्पांडर प्रशिक्षण शुरू,

तीन चरणों में 150 प्रशिक्षणार्थियों को दिया जा चुका है प्रशिक्षणI

परिवहन विभाग और एम्स ऋषिकेश की संयुक्त पहल पर राज्य में सड़क हादसों के लिए फर्स्ट रिस्पांडर प्रशिक्षण का चौथा चरण शुरू कर दिया है।विशेषज्ञों ने कहा कि किसी भी दुर्घटना में पहले तीन घंटे अहम होते हैं। समय पर उपचार नहीं मिलने से सर्वाधिक 80 फीसदी मौत इसी अवधि में होती हैं। अब तक तीन चरणों में 150 प्रशिक्षणार्थियों को फर्स्ट रिस्पांडर के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है।

शनिवार को चौथे चरण के प्रशिक्षण शिविर का एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने शुभारंभ किया। ट्रामा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत निकट भविष्य में उत्तराखंड के सभी जिलों से लगभग 650 फर्स्ट रिस्पांडर कार्य करने लगेंगे, जो कि दुर्घटना की स्थिति में ट्रॉमा मरीजों को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने और मृत्यु दर को कम करने में सहायक बनेंगें।चौथे चरण के प्रशिक्षण में ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय हरिद्वार के बीएएमएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्राध्यापकों को एम्स के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत नर्सिंग प्रोफेशनल्स वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल, शशिकांत, दीपिका कांडपाल, सुशीला पन्नू, लवी, प्रज्ञा नौटियाल, राखी यादव, शीला, हिमांशु पाठक और तरानुम अहमद आदि मौजूद रहे।

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